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शनि के चंद्रमा टाइटन के लिए परमाणु संचालित लैंडर बनाने में जुटा नासा, 2027 में लॉन्च होगा लैंडर ड्रैगनफ्लाई

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा शनि के चंद्रमा टाइटन तक पहुंचने के लिए अभियान शुरू करने वाली है। चंद्रमा टाइटन की बर्फीली सतह पर भेजने के लिए नासा एक परमाणु संचालित लैंडर बना रहा है। साल 2027 में लैंडर ड्रैगनफ्लाई को लॉन्च करने की तैयारी है।

वाशिंगटन, आईएएनएस। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा शनि के चंद्रमा टाइटन तक पहुंचने के लिए अभियान शुरू करने की तैयारियों में है। इसके तहत घने वातावरण व कम गुरुत्वाकर्षण वाले शनि के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन की बर्फीली सतह पर भेजने के लिए नासा एक परमाणु संचालित लैंडर बना रहा है।

2027 में लैंडर ड्रैगनफ्लाई को लॉन्च करने की तैयारी

लैंडर ड्रैगनफ्लाई को 2027 में लॉन्च करने की तैयारी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह 2034 तक टाइटन तक पहुंच जाएगा। यह वहां रहने लायक स्थिति का आकलन करने और पृथ्वी से दूर सौर मंडल की दुनिया में जीवन के संभावित संकेतों की खोज करने के लिए नासा का यह एक प्रमुख मिशन है।

समुद्री दुनिया की सतह पर नासा का एकमात्र मिशन

लैंडर ड्रैगनफ्लाई रोटरक्राफ्ट किसी अन्य समुद्री दुनिया की सतह पर नासा का एकमात्र मिशन है। माना जाता है कि टाइटन के पास एक महासागर है। मैरीलैंड में जांस हापकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (एपीएल) द्वारा निर्मित और संचालित कार के आकार के ड्रोन में चार जोड़े कोएक्सिएल रोटर होंगे यानी एक रोटर को दूसरे के ऊपर रखा गया है, जो टाइटन के घने नाइट्रोजन युक्त वातावरण को काटने में सक्षम होगा।

यह कैमरे, सेंसर और सैंपलर्स से लैस होगा ताकि टाइटन के उन हिस्सों की जांच करने में मदद मिल सके जिनमें कार्बनिक पदार्थ मौजूद हैं, जो बर्फीली सतह के नीचे तरल पानी के संपर्क में आ सकते हैं। ड्रैगनफ्लाई का वर्जीनिया में नासा के लैंगली रिसर्च सेंटर में पिछले तीन वर्षों में उड़ान प्रणालियों का अब तक चार परीक्षण हो चुका है।

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