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'शूल और दमन के बाद लोगों ने मुझे अभिनेत्री के रूप में गंभीरता से लिया', Raveena Tandon ने क्यों कहीं थी ये बात

Raveena Tandon रवीना टंडन अपना 49वां जन्मदिन मना रही हैं। रवीना 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री में से एक रही हैं। रवीना टंडन ने 1991 में फिल्म पत्थर के फूल से बॉलीवुड में डेब्यू किया। एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उनकी फिल्म शूल और दमन के बाद लोगों ने उन्हें अभिनेत्री के रूप में गंभीरता से लिया।

 एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। Raveena Tandon: हिंदी सिनेमा की मस्त-मस्त गर्ल यानी रवीना टंडन 26 अक्टूबर को अपना 49वां जन्मदिन मना रही हैं। रवीना 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री में से एक रही हैं। रवीना टंडन ने 1991 में फिल्म पत्थर के फूल से बॉलीवुड में डेब्यू किया।

इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का न्यू फेस ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से नवाजा गया था। उन्होंने अपने 31 साल के फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है। पर्दे पर रवीना कई किरदार निभाए हैं, लेकिन वक्त आया जब लोगों उन्हें अभिनेत्री के रूप में गंभीरता से लिया।

'जब लोगों ने नहीं लिया था मुझे गंभीरता से'

रवीना टंडन ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उनकी फिल्म शूल और दमन के बाद लोगों ने उन्हें अभिनेत्री के रूप में गंभीरता से लिया। रवीना के मुताबिक, फिल्म दमन अपने समय से बहुत की फिल्म आगे थी। इस फिल्म में वैवाहिक दुष्कर्म और घरेलू हिंसा के बारे में दिखाया गया है।

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उन दिनों 'मेरा पति मेरा देवता है' फिल्म की थी ऐसे में लोगों के बीच ऐसी भावना थी। औरतों को विश्वास था कि उनका पति कुछ भी गलत नहीं कर सकता, चाहे वह कितना भी बुरा क्यों न हो। ऐसे में दमन जैसी आना काफी अलग था। इस फिल्म के कारण लोगों के बीच मेरी अभिनेत्री इमेज में बड़ा बदलाव आया।  

'शूल और दमन के बाद लोगों को हुई मेरी पहचान'

दमन और शूल फिल्म रिलीज होने तक, मैं हमेशा मसाला फिल्मों में एक खूबसूरत चेहरे के रूप में जानी जाती थी। ये फिल्म करने के बाद लोगों ने मुझे एक एक्टर के रूप में गंभीरता से लिया। मुझे अभी भी याद है, जब शूल के निर्देशक ईश्वर निवास ने मुझे साइन करना चाहा था, लेकिन निर्माता राम गोपाल वर्मा पूरी तरह से मुझे लेकर आश्वस्त नहीं थे। राम गोपाल के मन में मेरी इमेज 'किसी डिस्को में जाएं', वाली इतनी थी कि उन्होंने कहा था 'जब मैं अपनी आंखें बंद करता हूं, तो मैं केवल तुम्हें किसी डिस्को करते हुए देखता हूं।

सेट पर राम गोपाल नहीं पहचान पाए थे रवीना को

इस बातचीत में रवीना ने बताया कि, फिल्म शूल में जब वो मंजरी प्रताप सिंह की भूमिका के लिए गेटअप में आईं तो रामू उन्हें पहचान ही नहीं पाए थे। रवीना ने कहा, “जब हम फोटोशूट कर रहे थे, तो उन्होंने मुझे सूती साड़ी और जूड़े में नहीं पहचाना था।

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जैसे ही वह अंदर आए, मैंने 'हैलो रामू' कहा और उन्होंने बहुत अजीब तरीके से नमस्ते कहा। मैंने सोचा 'हे भगवान, क्या वह परेशान है कि मैं फिल्म कर रही हूं?' बाद में, जैसे ही मैं कैमरे के सामने आकर खड़ी हुई, उन्होंने कहा 'हे भगवान रवीना, यह तुम थी?'